Saturday 8 September 2018

सदाबहार आवाज़ की आशा!



- मनोज कुलकर्णी


सदाबहार गायिका आशा भोसले!

पार्श्वगायन के क्षेत्र में छह दशक से जादा बिताने के बाद..८५ की उम्र में भी आवाज़ में वही ताज़गी और गाने में वही जोश और शोख़..यह हैं लोकप्रिय गायिका आशा भोसले!
संगीतकार ओ. पी. नय्यर और गायिका आशा भोसले!


उन्होंने मलिका-ए-हुस्न मधुबाला के लिए "आइये मेहरबान.." गाया और कई बरसों बाद काजोल के लिए "जरा सा झूम लू मैं.." दोनों में वहीं ख़ुमार!

गायिका आशा भोसले और गायक मोहम्मद रफ़ीजी!
अष्टपैलू गायन शैलीवाली इस गायिका ने एक तरफ ओ. पी. नय्यर के संगीत में "देखो बिजली डोले बिन बादल की.." जैसे शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीत गाएं। तो दूसरी तरफ आर. डी. बर्मन के संगीत में "पिया तू अब तो आजा.." जैसे क्लब के पॉप गाने! दोनों संगीतकार उनके मुरीद थे!

रफ़ीजी के साथ "इशारों इशारों में दिल लेने वाले " और किशोरकुमार के साथ "हवा के साथ साथ.." जैसे अलग तरीके के डुएट्स भी उन्होंने बख़ूबी गाएं। वैसे ही ख़य्याम जी की संगीत में शहरयार की ग़ज़ल "इन आँखों की मस्ती के .."उसी नज़ाकत से!
गायिका आशा भोसले और संगीतकार (पति) आर. डी. बर्मन!

हिंदी और मराठी के साथ अन्य बीस भाषाओं में उन्होंने अब तक लगभग १२,००० गाने गाएं। सबसे ज्यादा गानों की रेकार्डिंग की वजह से 'गिनिज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स' में उनका नाम दर्ज हुआ। फ़िल्म 'माई' में उन्होंने भूमिका निभाई!

'पद्मविभूषण' के साथ भारत सरकार के सर्वोच्च 'दादासाहेब फाळके पुरस्कार' से वह सम्मानित भी हुई!

उम्र के इस पड़ाव में भी "कजरा मोहब्बतवाला.." ऐसा अपने ही गाने जैसा रूमानिपन वह संभाली हुई हैं!

ऐसी सदाबहार आशाजी को जनमदिन मुबारक़!!

- मनोज कुलकर्णी
   ['चित्रसृष्टी']

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